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हरिद्वार-कप्तान के नेतृत्व में उम्दा कार्य का नजराना पेश कर रही हरिद्वार पुलिस,एक और शानदार खुलासा, 24 घंटे के भीतर सुलझाई ब्लाइंड मर्डर मिस्ट्री,हरिद्वार पुलिस के बड़े खुलासे से मीडिया जगत सहित आमजन हैरान/खुश, कनखल स्थित आश्रम के महंत को मारकर गंगा में फेंक दिया लगभग 6 महीने राज छुपाए रखा, हरिद्वार पुलिस खबर मिलने के 24 घंटे के अंदर सच्चाई लाई सामने,मास्टरमाइंड सहित 04 दबोचे, भेजा जेल,ब्लाइंड मर्डर के सफल खुलासे पर एसएसपी द्वारा की गई पुलिस टीम को ₹5000 ईनाम की घोषणा,
“कनखल पुलिस ने ब्लाइंड केस का सफल खुलासा कर बढ़िया काम किया है, हम मामले के और भी कई पहलुओं को देख रहे हैं :: एसएसपी हरिद्वार”
 क्या था मामला
दिनांक 17.10.2024 को वादी श्री रुद्रानन्द निवासी रायवाला देहरादून द्वारा श्रृद्धा भक्ति आश्रम ज्ञानलोक कॉलोनी कनखल हरिद्वार के दिनांक 15/06/24 को धर्म प्रचार हेतु आश्रम से राजस्थान जाना व वापस न आने के संबंध में दिनांक 17/10/24 को थाना कनखल पर गुमशुदगी क्रमांक 76/24 दर्ज कराई गई थी।
 गुमशुदगी से कैसे उठाया हरिद्वार पुलिस ने पर्दा, हत्या का निकला मामला
अनुभवी कप्तान प्रमेन्द्र सिंह डोबाल के पर्यवेक्षण एवं एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार सिंह व सीओ सिटी जूही मनराल के निर्देशन में पुलिस जब विवेचना में जुटी तो आश्रम के कार्यकर्ता मनीषानंद, शोभित व गुमशुदा महन्त के परिचितों से पूछताछ करने पर पता चला कि जून माह 2024 से आश्रम में एक नया बाबा बैठा है जिसको पहले कभी देखा नहीं गया।
कनखल पुलिस की इंटेलिजेंट पूछताछ में कुछ लोगों की भूमिका संदिग्ध प्रतीत होने पर आश्रम में बैठाए गए नए बाबा रामगोपाल नाथ से कनखल पुलिस की कई चरणों की पूछताछ पर पूरी घटना से पर्दा उठा व मुख्य अभियुक्त समेत अन्य अभियुक्तों की भूमिका सामने आने पर महंत की हत्या होना प्रकाश में आया।
 कौन कौन हैं आरोपी, कैसे दिया था घटना को अंजाम
घटना का मास्टरमाइंड अशोक फरवरी माह 2024 में आश्रम में आया था जो कपड़े बेचने के लिए आश्रम एवं आसपास इलाकों में आता था और कभी-कभी एक या दो दिन के लिए आश्रम में रूक जाया करता था वहीं से धीरे-धीरे इसकी महंत से मुलाकात हो गई। ये इनको 2021 से जानता था। इसी कारण लगभग 3 माह आश्रम में रुक कर गया था। इन 3 महीनों में यह महंत जी और आश्रम का पूरा हिसाब किताब भली प्रकार समझ चुका था। मुख्य आरोपी अशोक समय-समय पर अपने दोस्त ललित, सौरभ व प्रदीप को भी आश्रम में बुलाता रहता था। जहां इनके द्वारा आश्रम की पूरी जानकारी, महंत का उत्तराधिकारी न होने व शहर के बीचोंबीच स्थित आश्रम की बेशकीमती संपत्ति के बारे में गहनता से जानकारी इकट्ठा कर अशोक द्वारा अपने साथियों ललित, सौरभ व प्रदीप के साथ षड़यंत्र रचते हुए महंत को रास्ते से हटाकर पूरी की पूरी बेशकीमती संपत्ति को कब्जाने का कुटिल प्लान बनाया।
पकड़े जाने के डर से सभी दोस्तों ने प्लान के मुताबिक सबसे पहले आश्रम में लगे सभी सीसीटीवी कैमरे हटा दिए और मौका देखकर दिनांक 01 जून 2024 को महंत राम गोविंद दास को पहले नशे के इंजेक्शन लगाकर मूर्छित कर गला घोंटकर हत्या कर दी। इसके बाद आरोपियों ने कट्टे में रखे शव को किराए की स्कूटी की मदद से ले जाकर गंगा नदी में फेंक दिया। इस दौरान इस बात का पूरा ध्यान रखा गया कि पूरे रास्ते में ये कहीं पर भी कैमरे की नजर में न आ जाएं लेकिन हरिद्वार पुलिस की पारखी नजरोंसे बच न सके।
महंत की हत्या के बाद अशोक ने 3 जून को अपने किसी परिचित फर्जी बाबा रामगोपाल नाथ को रुपयों का लालच देकर आश्रम की निगरानी के लिए बुलाया और उसको अंधेरे में रखकर महंत के धर्म प्रचार हेतु अयोध्या जाना बताया व बताया कि अगर कोई पूछे तो यही बताना कि महंत जी अयोध्या गए हैं।
इस दौरान फर्जी बाबा को बाकी लोगों के साथ उठने बैठने, खाने-पीने के दौरान कुछ दिन बाद आश्रम के महंत की हत्या किए जाने की जानकारी हो गई लेकिन समय-समय पर मिल रहे बढ़िया खर्च एवं आश्रम बेचकर हिस्से में आने वाले मोटे मुनाफे के लालच में वो चुपचाप बैठा रहा और इस बात को दबाए रखा।
अब मुख्य बात ये थी कि महंत जी को ठिकाने लगाने के बाद उनके आश्रम को कैसे बेचा जाए और पैसा लेकर नौ दो ग्यारह हुआ जाए। इसके लिए आरोपी अशोक ने आश्रम को बेचने के लिए संजीव त्यागी जो छोटा-मोटा प्रॉपर्टी डीलर है, से मिलकर महंत के हू-ब-हू जाली हस्ताक्षर कर फर्जी वसीयतनामा तैयार किया जिसमें संजीव त्यागी द्वारा पूरी जानकारी होने के बाद भी आश्रम बेचकर करोड़ों रुपए का मोटा मुनाफा कमाने के चक्कर में आरोपियों का साथ दिया गया।
अब तक घटना में फिलहाल 06 आरोपी प्रकाश में आए हैं, विवेचना जारी है एवं विवेचना के दौरान अन्य की संलिप्तता की भी जानकारी जुटाई जा रही है।
 करोड़ों की संपत्ति हड़पने का था सपना, लाखों ₹ की कर चुके थे हेराफेरी
मास्टरमाइंड अशोक ने अपने साथियों के साथ मिलकर महंत की हरिद्वार शहर के बीचो-बीच स्थित करोड़ों की प्रोपर्टी हड़पने के उद्देश्य से उक्त मर्डर की घटना को अंजाम दिया था। मुख्य आरोपी महंत की हत्या के पश्चात महंत की लगभग 50 लाख की FD के मूल कागजात, चेक बुक, मोबाइल व अन्य दस्तावेज अपने साथ ले गया और गुमराह करने के उद्देश्य से मृतक के मोबाइल में अलग अलग सिम डाल रहा था।
कनखल पुलिस द्वारा महंत के बैंक एकाउंट चैक पर फर्जी हस्ताक्षर कर बैंक से लगभग 10 लाख की रकम भी अशोक हड़प चुका था इसके बाद अब लाखों की FD, जिसके मूल कागज़ात इनसे बरामद हुए हैं, को कैश कराने की फिराक में घूम रहा था लेकिन तेजतर्रार हरिद्वार “कनखल” पुलिस ने पकड़ लिया।
आरोपी संजीव त्यागी के साथ मिलकर आश्रम का फर्जी वसीयतनामा बनाकर आश्रम को 10 करोड़ में बेचने की डील की तैयारी में थे कि ऐन वक्त पर कंनखल पुलिस को सूचना हो गई और कनखल पुलिस ने मात्र 24 घंटे के भीतर इतनी उलझी हुई गुत्थी को सुलझा लिया।
 आरोपियों ने पूरी तैयारी के साथ गडी थी कहानी
महंत की हत्या के बाद मुख्य आरोपी अशोक द्वारा फर्जी बाबा को आश्रम बैठाकर सभी को आश्रम से जुड़े नए सेवादारों व महंत के परिचितों को ये कहकर गुमराह किया गया कि महंत जी धर्म प्रचार हेतु अयोध्या गए हैं व आश्रम की देखभाल हेतु नए बाबा को रखा गया है। इतने महीनों से इस बात पर किसी को शक भी नहीं हुआ था।
 गुमशुदगी दर्ज न कराने पर हुआ शक
पिछले लगभग 04 माह से महंत का मोबाइल स्विच ऑफ होना व उनकी कोई खबर न होने पर भी आश्रम से किसी भी व्यक्ति द्वारा पुलिस को सूचना न देने पर महंत के एक अन्य चेले रूद्रानन्द (वादी) जो परशुराम अखाडे से सम्बन्ध रखते हैं द्वारा भारी शक होने पर थाना कनखल पर दिनांक 17.10.2024 को महंत की गुमशुदगी दर्ज कराई गई। तब पहली बार पुलिस को इस मामले की जानकारी दी गई जिसको कनखल पुलिस ने तत्परता व बुद्धिमत्ता दिखाते हुए मात्र 24 घंटे के भीतर खोल दिया। जिसको लेकर स्थानीय जनता द्वारा थाना कनखल पुलिस की प्रशंसा की गई।
 04 आरोपी गिरफ्तार, अन्य की तलाश जारी
घटना में शामिल मुख्य आरोपी अशोक, ललित व आपराधिक षड्यंत्र में शामिल रामगोपाल नाथ व संजीव त्यागी को थाना क्षेत्रांतर्गत हिरासत में लिया जा चुका है। वर्तमान में प्रकाश में आए अन्य 02 अभियुक्तों सौरभ व प्रदीप की तलाश जारी है। विवेचना प्रचलित है अगर और भी नाम प्रकाश में आए तो उनको भी नियमानुसार गिरफ्तार किया जाएगा।
 शव की तलाश में जुटी पुलिस टीमें
आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद थाना कनखल की कई पुलिस टीमें, जल पुलिस की मदद से शव की तलाश में जुटी हुई हैं।
 बरामदगी
दौराने गिरफ्तारी अभियुक्तगण के कब्जे से मृतक महंत गोविंदास की 16 लाख रूपए की पंजाब नेशनल बैंक की मूल FD (जिसे आरोपी कैश कराने की फिराक में था), दो चैक बुक व फर्जी वसियतनामें की छायाप्रति बरामद हुई। पकड़ में आए आरोपियों की निशांदेही पर वारदात के दौरान प्रयुक्त इंजेक्शन, नशीली गोली का पत्ता आदि बरामद किया गया।
 कितने पढ़े लिखे हैं आरोपी
आरोपी 10वीं, 12वीं पास हैं। कपड़ों का काम कर रहा मुख्य आरोपी अशोक वर्ष 2004 में बाइक चोरी के मामले में व आरोपी ललित करनाल से ज्वैलर्स लूट मामले में जेल का चुका है।
 नाम पता अभियुक्त—
1- अशोक कुमार पुत्र रघुवीर सिंह म०नम्बर 57 गली नम्बर 02 दुर्गापुरी एक्टेन्शन शहादरा थाना ज्योतिनगर दिल्ली
2- ललित पुत्र दिनेश शर्मा निवासी पृथ्वी विहार नियर एफसीआई गोदाम मेरठ रोड थाना 32 सेक्टर करनाल
3- संजीव कुमार त्यागी पुत्र शरदचन्द निवासी मुण्डेत थाना मंगलौर हरिद्वार
4- योगी रामगोपाल नाथ उर्फ गोपाल सिहं पुत्र स्व० मनफूल सिहं निवासी ग्राम कोहरा थाना सजेती तहसील घाटमपुर जिला कानपुर नगर 78 उ0प्र0
 पुलिस टीम थाना कनखलः—
1- सीओ सिटी जूही मनराल
2- थानाध्यक्ष कनखल मनोज नौटियाल
3- उ0 नि0 चरण सिहं चौहान
4- ASI मुकेश राणा
5- का0 407 सतेन्द्र रावत
6- का0 653 उमेद सिंह
7- का0 जितेंद्र राणा
8- का0 संजू सैनी
9- का0 उमेश (CIU)
10- का0 वसीम (CIU)

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