चमोली -जवानों की ऐसी क्या थी मजबूरी की, बीच सड़क पर घन से तोड़ना पडा पत्थर।
गैरसैण में जवानों की मुस्तैदी से हल हुई, ट्रैफिक की समस्या।
हमें अक्सर हमारे चारों ओर कई ऐसे नायक दिखाई देते हैं जो बिना किसी विशेष पहचान के अपनी जिम्मेदारियों को अदा करते हैं, ये मुस्तैदी और हँसमुख अंदाज़ से चौराहों पर ट्रैफिक ड्यूटी करते हैं, उनकी उपस्थिति आमजन को सुरक्षा का एहसास कराती है, ये नायक कोई और नहीं बल्कि हमारे होमगार्ड के जवान है, जो पुलिस के हर कार्य में उनके साथ होते है। जनपद चमोली के मेहलचौरी (गैरसैण) में होमगार्ड जवानों ने ऐसा कार्य किया जिसने उन्हें फिर से सुर्खियों में ला खड़ा किया है।
मामला थाना गैरसैण चौकी मेहलचौरी का है जहाँ कर्णप्रयाग-रानीखेत राष्ट्रीय राजमार्ग 109 पर मेहलचौरी बाजार में पिछले कई दिनों से सड़क पर एक बड़ा बोल्डर गिरा हुआ था, जिसकी वजह से न केवल यातायात में रुकावट आ रही थी, बल्कि दुर्घटनाओं की संभावना भी बढ़ गई थी। इस बोल्डर के कारण व्यापारियों और वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था।
दिनांक 19.10.24 को यातायात ड्यूटी में नियुक्त होमगार्ड सतीश और पीआरडी रमेश ने समस्या को गंभीरता से लेते हुए संकल्प लिया कि वे इस समस्या का समाधान करेंगे। उन्होंने साहसिकता दिखाई और खुद ही बोल्डर को तोड़ने का कार्य शुरू किया। उन्होंने पारंपरिक उपकरण, घन, का उपयोग करके बोल्डर को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ा और इसके बाद जेसीबी मशीन की मदद से उन्हें सड़क से हटा लिया गया।
जवानों के इस साहसिक कार्य के बाद मेहलचौरी के स्थानीय व्यापारियों और नागरिकों ने उनकी दिली प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि जवानों के इस प्रयास से न केवल जाम की समस्या का समाधान हुआ, बल्कि सड़क पर दुर्घटनाओं की संभावनाएं भी कम हुई हैं। उनकी मेहनत और लगन ने हर किसी को यह संदेश दिया कि जब जिम्मेदारी निभाने की बात आती है, तो कुछ भी असंभव नहीं है।
जवानों ने केवल एक बोल्डर को हटाने का कार्य नहीं किया, बल्कि उन्होंने यह साबित किया है कि समाज की सेवा में समर्पण और तत्परता आवश्यक है। यह उदाहरण हमें यह सिखाता है कि जब हम अपने कर्तव्यों के प्रति सजग रहते हैं, तो समाज की समस्याएं भी हल हो सकती हैं।