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ऑपरेशन सिंदूर: भारत ने दिया स्व-अधिकार से जवाब, आतंकी अड्डों का सफाया — रक्षा मंत्री

नई दिल्ली।भारत ने एक बार फिर आतंक के खिलाफ निर्णायक रुख अपनाते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए अपनी भूमि पर हुए हमले का सशक्त और वैधानिक जवाब दिया है। रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने आज दिल्ली कैंट स्थित मानेकशॉ सेंटर में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के 66वें स्थापना दिवस समारोह के दौरान कहा कि यह कार्रवाई भारत के स्व-अधिकार के अंतर्गत की गई है और इसका उद्देश्य आतंक के स्रोतों को जड़ से खत्म करना था।

रक्षा मंत्री ने इस कार्रवाई को इतिहास रचने वाला कदम बताते हुए कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पीओके में आतंकी शिविरों पर सटीक, संयमित और चेतनापूर्ण प्रहार किया, जिसमें नागरिकों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया। उन्होंने कहा, “यह केवल जवाबी कार्रवाई नहीं, बल्कि आतंक के खिलाफ भारत की नीति का स्पष्ट संदेश है।”

प्रधानमंत्री के नेतृत्व में निर्णायक जवाब

श्री सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए कहा कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ कोई नरमी नहीं बरतेगा और आतंक के आकाओं को करारा जवाब देगा। रक्षा मंत्री ने सेना को मिली खुली छूट और उनके अनुशासन व साहस की सराहना की।

1,879 करोड़ की 50 बीआरओ परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित

इस अवसर पर रक्षा मंत्री ने आभासी माध्यम से बीआरओ की 50 रणनीतिक बुनियादी ढांचे परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित कीं। इन परियोजनाओं में 30 पुल, 17 सड़कें और 3 अन्य निर्माण कार्य शामिल हैं, जिनकी कुल लागत 1,879 करोड़ रुपये है।

ये परियोजनाएं जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, मिज़ोरम, पश्चिम बंगाल और राजस्थान जैसे सीमावर्ती राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में निर्मित की गई हैं और इनसे न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा सुदृढ़ होगी, बल्कि दूरदराज के इलाकों में आर्थिक विकास और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

“बुनियादी ढांचे से जुड़ी रणनीति भी रक्षा नीति का अभिन्न हिस्सा”

श्री सिंह ने कहा कि आधुनिक युद्ध केवल हथियारों से नहीं, बल्कि मजबूत लॉजिस्टिक्स और संपर्क साधनों से भी जीता जाता है। उन्होंने सेला सुरंग और वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम का उदाहरण देते हुए सीमावर्ती गांवों के पुनरुत्थान और सुरक्षा बुनियादी ढांचे के निर्माण को सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में बताया।

सीमा सड़क संगठन: देश की सुरक्षा का मौन प्रहरी

बीआरओ के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवासन ने बताया कि पिछले दो वर्षों में संगठन ने 5,600 करोड़ रुपये की 161 परियोजनाएं पूरी की हैं, जो अपने आप में एक कीर्तिमान है। उन्होंने कहा कि बीआरओ सबसे कठिन परिस्थितियों में कार्य कर रहा है और रक्षा मंत्रालय की पहली पसंद बनकर उभरा है

रक्षा क्षेत्र की उच्चस्तरीय उपस्थिति

इस कार्यक्रम में सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह, और विभिन्न राज्यपालों व मुख्यमंत्रियों ने वर्चुअल माध्यम से हिस्सा लिया। सभी ने बीआरओ की उपलब्धियों को सराहा और राष्ट्रीय सुरक्षा में उसके योगदान को अभूतपूर्व बताया।

By admin