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होम्योपैथी: बीमारी नहीं, मरीज़ का इलाज, हैनिमैन जयंती पर खास पेशकश
डॉ. रजनी गुप्ता, फाउंडर – आयुजोन क्लीनिक, हरिद्वार

“दवा तो बहुत हैं, इलाज सच्चा वही है जो आराम भी दे और नुकसान भी ना करे।”
10 अप्रैल को जन्मे थे एक ऐसे ही डॉक्टर — डॉ. सैम्युअल हैनिमैन, जिनकी सोच ने दुनिया की बीमारी को देखने का नजरिया ही बदल दिया। और फिर जन्म हुआ होम्योपैथी का।

कौन थे हैनिमैन साब?

जमाना था 1755 का, जगह थी जर्मनी। काम करते थे एलोपैथी में, लेकिन दिल से संतुष्ट नहीं थे। उन्होंने देखा कि इलाज के नाम पर जो कुछ हो रहा है, उसमें राहत कम और परेशानी ज़्यादा है। तभी आया उनका सिद्धांत — “Like cures like” यानी जैसा रोग, वैसी ही दवा। और फिर उन्होंने लिखी किताब — “ऑर्गेनॉन ऑफ मेडिसिन”, जो आज भी होम्योपैथी की गीता-कुरान बनी हुई है।

होम्योपैथी है क्या बला?

न कोई साइड इफेक्ट, न कोई लत, दवाएं इतनी सूक्ष्म होती हैं कि असर सीधा शरीर की इम्यूनिटी पर होता है, लक्षणों को दबाती नहीं, बल्कि बीमारी की जड़ पर काम करती है और सबसे खास — हर मरीज़ का इलाज अलग, क्योंकि हर मरीज़ अलग

होम्योपैथी के तीन फंडे

1. Minimum Dose:
कम मात्रा, ज़्यादा असर। बिना शरीर को झटका दिए बीमारी से लड़ाई।

2. Holistic Treatment:
शरीर के साथ-साथ मन और भावनाओं का भी ध्यान।

3. Miasm Theory:
जड़ से इलाज। बार-बार लौटने वाली बीमारियों की असली वजह पर सीधा वार।

आज के दौर में क्यों जरूरी है होम्योपैथी?

एलर्जी, माइग्रेन, थायरॉइड, पीसीओडी, स्किन की दिक्कतें — सबका समाधान

छोटे बच्चों से लेकर बूढ़े तक — सबके लिए सेफ

लंबे समय तक टिकने वाला इलाज, सिर्फ तात्कालिक राहत नहीं

दवाओं का खर्च भी जेब पर भारी नहीं पड़ता

और अब बात अपने आयुजोन क्लीनिक की…

हरिद्वार में बसे हमारे आयुजोन क्लीनिक में हम वही करते हैं जो हैनिमैन साब ने सिखाया —
हर मरीज़ को समझना, उसका केस पढ़ना, उसकी ज़िंदगी और दिमाग के हालात को जानना, फिर तय करना कि इलाज क्या होगा।

क्योंकि यहां इलाज फॉर्मूले से नहीं, फील से होता है।

डॉ. हैनिमैन ने जो सिस्टम दिया, वो सिर्फ दवाओं का तरीका नहीं है — वो सेवा का तरीका है।
जहाँ बीमारी नहीं, इंसान केंद्र में है।
आज जब मेडिकल बिल भारी और साइड इफेक्ट और भारी हो रहे हैं,
होम्योपैथी उम्मीद की एक नयी खिड़की खोलती है —
जहाँ इलाज में सुकून है, समझ है, और सब्र भी।

तो आइए, इस हैनिमैन जयंती पर ठान लें —
हर घर तक होम्योपैथी पहुँचाएं, हर मरीज़ तक राहत पहुँचाएं।

— डॉ. रजनी गुप्ता (BHMS, CFN, DYS)
संस्थापक — आयुजोन क्लीनिक, हरिद्वार

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